शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

एस एम् एस.-शायरी......


























एस एम् एस-शायरी


विस्वास सच्चा है तो हर चीज मिलती है
उम्मीदों की चाहत से दिल की कली खिलती है
इस दुनिया में सब एक जैसे नहीं होते
बड़ी मुश्किल से दोस्ती अजीज मिलती है

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खुशी उन्हे नहीं मिलती
जो जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीते है
खुशी तो उन्हे मिलती है
जो दूसरों की खुसी के लिए
अपनी जिंदगी के मायने बदल देते है


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हर खुशी में कुछ कमी रह जाएगी
आंखे थोड़ी शबनमी रह जाएगी
जिंदगी को आप कितना ही संवारिये
बिन हमारे कोई ना कोई कमी रह जाएगी


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चाँद पागल है,अंधेरे में निकल पड़ता है
रोज तारो की नुमाइश में खलल पड़ता है
उनकी याद आई है,सांसो जरा धीरे चलो
धडकनों से भी इबादत पे असर पड़ता है

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हम याद रहे तो ठीक वरना भुला देना
हो कोई खता तो सजा देना
वैसे हम तो है कागज की तरह
लिखा जाए तो ठीक वरना मिटा देना


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dheerendra


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