बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

फागुन लहराया...



फागुन लहराया

अखियन में
फागुन लहराया!
शरमाई
फूलो में पंखुरियाँ
अलसाई
रतनारी आँखरियाँ!
अधरों पर
अनव्याहा छंद मुखर आया
चहक रही
तितली सी चितवन,
ठुमकी पायल
खनके कंगन!
भूला-सा एक नाम
सुधियों में आया!
अखियन में फागुन लहराया!
--------------------------------------
--
----DHEERENDRA,"dheer"







शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

हुस्न की बात...

हुस्न की बात,

तुमको देखा है जब से आँखों ने
और कोई चेहरा नजर नहीं आता
तुम हर नजर का ख़्वाब हो,
हर दिल की धडकन हो
कैसे तारीफ करता तुम्हारे हुस्न की
तुम्हारा चेहरा तो किताबी है,
कहाँ से आया इतना हुस्न....
जबाब में वे मुस्करा दिए और बोले-?
कुछ तो आपकी मोहब्बत का नूर है
कुछ कोशिश हमारी है
-----------------------------

DHEERENDRA,

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

तुम्हें हम मिलेगें...


तुम्हें हम मिलेगें...

जिन्दगीं में हमेशा नए लोग मिलेगें
कहीं ज्यादा तो कहीं कम मिलेगें,
एतबार सोच समझ कर करना
मुमकिन नहीं हर जगह तुम्हें हम मिलेगें,

-------------------

dheerendra,

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

कितने हसीन है आप.....


कितने हसीन है आप


कितने हसीन है आप
खुद को दुनिया की नजरो से बचाया करो
आँखों में काजल लगाना काफी नही
गले में नीबू-मिर्ची भी लटकाया करो


----------------
dheerendra