मंगलवार, 21 अगस्त 2012

प्यार का सपना,,,,

प्यार का सपना,

शाम होते उनका इन्तजार होता है
तकरार में भी उनका प्यार होता है

नीचे झुका लेते है हम अपनी नजरे,
सपने में जब उनका दीदार होता है

अश्क जब आते है उनकी आँखों में
नजारा बिलकुल झील जैसा होता है,

रख लेते जब उन्हें अपने दामन में
तो दामन सोने सा सुनहरा होता है,

माँझी की नही जरूरत होगी हमको
उनका साथही किनारे जैसा होता है,

शाहजहाँ-मुमताज ताज महल जैसा
चाँद-सितारों सा अपना प्यार होता है,

dheerendra bhadauriya,